ये दुनिया हे गोल तैय कुछ मत बोल

Hemlal photoये दुनिया हे गोल तैय कुछ मत बोल
ये आधुनिक युग के जावाना
तैय झन पछताना
कान मा सुन आँखी मा देख
अपन रद्दा चुपचाप रेग।

जिन्दगी होगे सुखियार
काम बुता मा मन नईय लागे
जबले आलस्य हा डाले डेरा
जागर मा पड़गे किड़ा।

झुण्ठ बोलय पैसा कमावय
भ्रष्टाचार ला अपन व्यवसाय बनावय
लईका से लेकर सियानमन
चपरासी से लेकर नेतामन
सबो भ्रष्टाचार मा डूबे
दु पैसा के खातिर अपन ईमान ला बेचे।

यहाँ तो मिठ लबरा के वाह वाही हे
मिठ मिठ बात मा जनता लुटाये
नेता हा जनता ला, डाँ.हा मरिज ला
बनियामन ग्राहक ला, सेठ हा बनिहार ला
यहाँ तो सबो डहर लूट खोर हे
बातो बात मा सबो चोर हे।

10 रूपया के बुता करवाये
200 रूपया के बिल बनवाये
अपन ईमानदारी के सबूत
झूण्ठा रसिद दिखावे।
यहाँ तो लबरा के जेब हे मालामाल
ईमानदार के जेब हे कंगाल।

ये दुनिया हे गोल तैय कुछ मत बोल
ये आधुनिक युग के जावाना
तैय झन पछताना
कान मा सुन आँखी मा देख
अपन रद्दा चुपचाप रेग।

हेमलाल साहू

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3 Thoughts to “ये दुनिया हे गोल तैय कुछ मत बोल”

  1. sunil sharma

    बढ़िया परयास साहू जी…

  2. Mahendra Dewangan Maati

    ये दुनिया हे गोल
    सही बात बतायेस साहू जी आपके रचना ह बने लागिस |

  3. Hemlal Sahu

    आपमन ला बहूत बहूत धन्यवाद भैया हो जो आपमन हमर कविता ला पसंद करेव।

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